यमन की राजधानी सना पर एक बार फिर हवाई हमला हुआ है, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया है। इस हमले को लेकर हूती विद्रोहियों ने “अमेरिकी-ब्रिटिश आक्रामकता” को जिम्मेदार ठहराया है। हूती नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह हमला उनके खिलाफ जारी अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है।
हूती विद्रोहियों ने कहा कि यह हमला इजरायल, अमेरिका और ब्रिटेन के सहयोग से किया गया। उनके मुताबिक, यह हमला यमन की संप्रभुता और सुरक्षा पर सीधा आघात है। हालांकि, अब तक इन देशों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले में सना के कई इलाकों को निशाना बनाया गया। इन इलाकों में आम नागरिकों के घर और कुछ सरकारी इमारतें शामिल थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि हमले के दौरान जोरदार धमाके हुए, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। फिलहाल, इस हमले में हुई जनहानि की पूरी जानकारी सामने नहीं आई है।
यमन पिछले कई वर्षों से संघर्ष का सामना कर रहा है। हूती विद्रोही और सऊदी अरब के नेतृत्व वाला गठबंधन इस देश में सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच, अमेरिका और ब्रिटेन पर आरोप लगते रहे हैं कि वे सऊदी गठबंधन को समर्थन दे रहे हैं। इजरायल का नाम भी हाल ही में इन विवादों में जोड़ा गया है।
हालांकि, इजरायल, अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से इस हमले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन हूती नेताओं ने इन देशों पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि यह हमला उनके देश को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है।
इस तरह के हमलों का सबसे ज्यादा असर यमन के आम नागरिकों पर पड़ रहा है। यहां लंबे समय से जारी संघर्ष के कारण लाखों लोग बेघर हो चुके हैं और भोजन और पानी की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इस तरह के हमले स्थिति को और भी गंभीर बना रहे हैं।